आजाओ माँ
हमारी विनती सुन लो माता भक्त जन तुम्हें बुलाते हैं।
कैसी विपदा आयी जगत में हम सब तुम्हें बुलाते है॥
देवों ने जब-जब तुम्हें पुकारा माँ तुम शीघ्र ही आयीं थीं।
महिषासुर का वध करने सारे अस्त्र-शस्त्र तुम लायीं थीं॥
अब आजाओ माँ कोरोना भगाने हम सब तुम्हें बुलाते हैं।
हमारी विनती…….
श्री प्रहलादजी ने जब भक्ति की और रक्षा को था पुकारा।
खम्भा फाड़ कर प्रकटीं माता हिरण्याकश्यप को था मारा॥
अब आ जाओ हमें बचाने देवी माँ,हम सब तुम्हें बुलाते हैं।
हमारी विनती …….
मधु कैटभ को था तुमने मारा, शुम्भ निशुंभ संहारे माता।
रक्तबीज राक्षस को मारने तुम,काली माँ संग आयीं माता।
फिर से आजा ओ कोरोना भगाने, हम सब तुम्हें बुलाते हैं।
विनती हमारी……
भूल हुई है क्या हमसे माता जो है इतनी देर लगाई माँ।
पूजा करके ध्वजा-नारियल और चुनरी लाल चढ़ाई माँ॥
नहीं जानते विधिवत पूजन बस माँ हम तुम्हें बुलाते हैं।
हमारी विनती…….
सब की रक्षा करती हो तुम, फिर हम क्यों बिसराये हैं माँ।
हम हैं अल्पज्ञ बच्चे तुम्हारे, क्यों नहीं हम अपनाये हैं माँ॥
अब आ जाओ माता जल्दी से ‘त्राहि माम’ हम पुकारते हैं।
हमारी विनती…
कैसी विपदा आयी जगत में हम सब तुम्हें बुलाते हैं।
हमारी विनती सुन लो माता भक्त जन तुम्हें बुलाते हैं॥