ऐतबार
मुझको सबसे ज्यादा है, तुझ पर ही ऐतबार।
क्यों करूँ मैं तुझसे ही, इतना अधिक प्यार।।
सिर्फ तुझ पर ही, हर बात का मेरा अधिकार।
है आरजू, हर जन्म में मिले मुझे तेरा ही प्यार।।
लबों पर आने से पहले,करे जो इच्छा पूरी हर बार।
जिसके बिना, मेरा दिन अधूरा है व रात अँधियार।।
है उसके ही दम पर होती, मेरी हर रात उजियार।
वह है मेरा हमसफ़र एवं मैं उसकी संगिनी-प्यार।।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं, सदा से ही मेरे धनी।
रसायन विज्ञान हो या हो इलेक्ट्रॉनिक तकनीकी।
घर का इंटीरियर करना हो, या पेंटिंग हो करनी।
किसी को दुःखी देखा, तो बस मुस्कान है भरनी।।
भारत ही नहीं दुनिया में भी, मुझे उन्होंने घुमाया।
घर पर बैठा कर, पच्चीस देशों का दर्शन कराया।।
जहां भी जाते वे,मेरा मन भी साथ ही उनके जाता।
हर कार्य में, हर कदम पर साथ मिल उनका जाता।।

दोस्तों से मिलना-जुलना,या हो रिश्तेदार-परिवार।
हर बात से उसकी झलके,सदा बस प्यार ही प्यार।।
उसको भी है मुझ पर,ख़ुद से कुछ ज्यादा ही ऐतबार।
हर जन्म में करते रहें हम एक-दूजे से इश्क़ बेशुमार।।