अहम या हम
मैं में जो भरा है अहम,
हम ने कर दिया कुछ कम।
मैं जब तक अकेला था,
बहुत कमज़ोर दिखता था।
हर बात से था मैं चिंतित,
मिलकर न दुःख था किंचित।
सच हम में होती बड़ी शक्ति,
जब मिलकर करें सब भक्ति।
हम सब छोडें जब निज अहम,
न रहे कोई चिंतित-डरा-सहम।
बहुत ताकत होती संगठन में,
प्यार व खुशी होती सम्मिलन में।