बन्दे ख़ुदा के
मन के भावों को शब्दों में पिरोना जो सीख लिया,
हम ने अब काग़जों को काला करना सीख लिया।
लोगों की आदत है कुछ तो कहना होता है उनको,
हम ने चुप रहकर सबकी यूँ ही सुनना सीख लिया।
वो जो तारीफ हमारी करने लगे हैं अब कुछ लोग,
हम ने उनको सिर आँखों पर बिठाना सीख लिया।
कोई कभी जो मज़बूर या पीड़ित मिला जो हमको,
हँस कर हम ने उसको सीने से लगाना सीख लिया।
कोई बुरा नहीं होता ख़ुदा की इस प्यारी दुनिया में,
अब हालात से हमने समझौता करना सीख लिया।
इन्सान अच्छा बुरा होता है हालत के कारण यहाँ,
ख़ुदा का बन्दा मान सबको अपनाना सीख लिया।