भाई-बहन
बाबा जी के बाग में दो चिड़ियां चूं चूं करती थीं।
ची ची चूं चूं करतीं-फिरती खूब कहानी गढती थीं।
इधर से आए बड़के भैया, क्या क्या सौदा लाए जी?
आप को सूट, बाप को जोड़ा माँ को साड़ी लाए जी।
बहिन की चुनरी भूल आये सौ सौ नाम धराए जी।
बाबा जी….
बाहर से आये मझले भैया, क्या क्या गिफ्ट वो लाये जी?
आप को मोबाइल,बाप को किनडल, माँ को टेबलेट लाये जी।
बहिन का लैपटॉप भूल ही आये सौ सौ नाम धराये जी।
बाबाजी…
उधर से आये छोटे भैया, क्या क्या मिठाई लाये जी ?
आप को पेढ़े, बाप को रबड़ी माँ को घेवर लाये जी।
बहिन की चॉकलेट भूल ही आये सौ सौ नाम धराये जी।
बाबाजी…
जब सब ने देखा ,प्यारी बहिना के भर आये नयना जी।
बहिना को दिखाये उपहार तो खुशी से छलके नयना जी।
देख बहिन-भाईयों का प्यार यह माँ बाप खुश हो गये जी।
बाबाजी…..