चाँद
चांद के दर्शन हेतु हर सुहागिन तैयार थी।
पूजा थाली करवा ले चाँद की प्रतीक्षा थी।
बहुत प्रतीक्षा के बाद दिखी कुछ लाली।
चंद्रमा को देख कुछ सोच में पड़ी आली।।
चांद की चाँदनी भी बहुत फीकी सी थी ।
पृथ्वी के प्रदूषण से वह कुछ धुंधली थी।
सब माँग रहे थे लंबी उम्र अपने पति की।
चांद ने भी कुछ अपनी अपेक्षा रखी थी।।
पहले तुम वचन दो, वायु प्रदूषित न करोगे।
प्रण लो यह भी कि पृथ्वी को स्वच्छ रखोगे
प्रकृति के साथ नहीं करोगे तुम खिलवाड़।
तभी रोक सकोगे धरती पर सूखा एवं बाढ़।।
अगले वर्ष तक रखना यह ध्यान तुम सभी।
देख पाओगे मेरी धवल चाँदनी भू पर तभी।।