होली की खुशी
होली भारत की शान,
होली तो है मेरी जान,
होली की आयी है खुसी
होली तो मेरे मन बसी।
होली के छाये कैसे रंग,
खेलूं मैं राजाजी के संग,
हाँ महाराजा जी के संग,
साजन के मन जाऊँ बसी।
होली तो मेरे, मन बसी।
बनाऊँ टेसु फूलों का रंग,
लगाऊँ मैं उनके अंग रंग,
महके है जासे अंग-अंग,
खुशबू में जाऊँ मैं फंसी,
होली तो मेरे, मन बसी ।
होली के गाएँ ऐसे गीत,
झूमें और नाचें सारे मीत,
झलके जो सबकी प्रीत,
होठों से फूटे बस हँसी,
होली तो मेरे, मन बसी ।
होली मिलने जो घर आएं,
अनर्से गुजिया खूब खाएं,
हिलमिल के खुशी मनाएँ,
सब के दिल में जाय बसी,
होली तो मेरे मन बसी ।