जीवन मृत्यु
जन्म और मृत्यु में नहीं बहुत फर्क है।
बस साँस के जाकर न आने का फर्क है।
है समय जो मिला जन्म से मृत्यु तक,
उसको सफल बना कुछ उपयोग कर।
जब तक चले ये साँसों का आवागमन,
कृतज्ञ हो प्रभु को हर दिवस कर नमन।
सब कुछ जो कमाया कर के बहुत जतन,
न साथ जायेगा तेरे करे चाहे तू सौ जतन।
जो देह लेकर जन्मा वह भी नहीं चलेगी,
पंचतत्व की यह काया मिट्टी में ही मिलेगी।
काम आयेंगे तो केवल कर्म जो किये हैं,
दुआएँ व आशीष जो तूने सबसे लिये हैं।
अपनी आत्मा को तुम मैली न होने देना,
जहाँ की बुराईयों से बचा के सहेज लेना।
समय जब आये परमात्मा से मिलने का,
अंतरात्मा को जब अति पावन बनाने का।
आत्मा को दुल्हन सी खूब तुम सजाना,
अपने इष्ट देव से मिलने जब तुम जाना।