मातृभाषा
निज मातृ भाषा पर हम सभी को अभिमान है।
पूर्ण विश्व में यह दिवस मनाने का यों चलन है।
माँ के गर्भ में ही सुनकर सीखते हैं हम जो भाषा,
जन्म के पूर्व से ही जुड़ा है जिससे हमारा नाता।
हिन्दी हमको सबसे प्यारी है यही अपनी है भाषा,
मातृभाषा प्यारी है सिखाती जिसे शिशु को माता।
सीखना कितनी भी भाषायें जब भी मिले अवसर,
सीखो देशी और विदेशी एक से बढ़कर एक भाषा
जितनी अधिक भाषाएँ सीखें बढ़े अपना ज्ञान ही,
किन्तु अपनी मातृभाषा को समझें सर्वश्रेष्ठ भाषा।
भाषाओं और बोलियों को सीखकर तुम आगे बढ़ो,
किन्तु कब कहाँ कैसे, प्रयोग करनी कौन सी भाषा।
सीख लो यदि यह हुनर तुम, पूरी हो तुम्हारी आशा।
सबको मान देना सीखो,परन्तु गर्व कराये मातृभाषा।
निज मातृभाषा पर सदा हम सभी को अभिमान हो।
लिखें कुछ ऐसा कि जिसका हर भाषा में अनुवाद हो।