मेरा शहर नाशिक
श्री रामजी की कर्म भूमि, जी हाँ नासिक है मेरा शहर।
धन्यवाद कैसे करुँ भगवन!दिया जो यहाँ मुझे एक घर।।
आपकी कृपा से, जहाँ आनंद से होती जा रही है बसर।
एकमात्र ज्योतिर्लिंग यहाँ, जिसमें ब्रह्मा,विष्णु और हर।।
सपनों में जो था सोचा, उससे कहीं अधिक सुंदर यह है।
संस्कृति,शिक्षा,उद्योग-तकनीकी,पर्यटन सबकी है खान।।
पाँच-पाँच औद्योगिक क्षेत्र यहाँ,फ़िर भी प्रदूषण मुक्त है।
सब को प्यारा लगता है यह,इस पर कर सकते अभिमान।।
हम को आकर्षित करते हैं, इसके हर मंदिर कोना कोना।
कल कल करती प्यारी नदिया, कल कल करता झरना।।
महाराष्ट्र की सर्वोच्च पर्वतशिखर,है यहीं कलसूबाई चोटी।
नाशिक की हर वस्तु है विशिष्ट, चाहे बड़ी हो या छोटी।।
पर्वत माला से घिरा यूँ, जैसे शिवलिंग पर हार चढ़ा हुआ।
हरियाली पसरी ऐसी है,ज्यों बिल्वपत्रों का ढेर चढ़ा हुआ।।
गोमुख से निकलकर गोदावरी,बीच शहर के बहती है ऐसे।।
शिवशीर्ष से निकल गंगा माँ,धीरे से भू पर आती हो जैसे।।
पंचवटी है शहर मध्य,जहाँ राम लखन सीता संग बसते थे।
राम कुंड है जहाँ पर कभी राम लक्ष्मण आचमन करते थे।।
शूर्पणखा से क्रोधित हो, लक्ष्मण ने कर्ण नासिका काटे थे।
तब से ही इस पावन नगरी को,नासिक सब लोग कहते थे।।
कपालेश्वर प्राचीन मन्दिर यहाँ,गोदावरी तट पर बना हुआ।
हम ने देखा यहीं ऐसा शिवालय जो नंदी के बिन पूर्ण हुआ।।
स्नान वहां करने का उपदेश देकर,नंदी भी शिव के गुरू हुए।
करके स्नान ध्यान जहाँ पर, शिवजी भी ब्रह्महत्या मुक्त हुए।।
है देवालयों की शृंखला यहाँ, ईश्वर के अगणित मंदिर हैं।
पर सबसे पहले सबसे ज्यादा,गणपति को यहाँ पूजते हैं।।
हैं सभी धर्मों के लोग यहां, पाते हैं मान सम्मान धर्म सारे।
होकर उल्लासित सजाते हैं,चाहे हों चर्च, मस्जिद गुरुद्वारे।।
घर से निकलते ही कुछ,दूर चल कर मुक्ति धाम मन्दिर है।
सभी भगवान,देवी-देवता,संत-महात्मा प्रतिष्ठित जिधर हैं।।
एक डेढ़ घंटे की दूरी पर ही,एक प्रख्यात शक्तिपीठ वणी है।
ऊँची पहाड़ी पर देवी विराजित,पर वहाँ ट्रॉली भी लगी है।।
शिक्षा का अच्छा केंद्र है,विद्यालय हर रूप एवं बोर्ड के यहाँ।
हर क्षेत्र मेडिकल,इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट शिक्षा मिले यहाँ।।
मूक-बधिर,नेत्रहीन दिव्यांगों को भी शिक्षा-प्रशिक्षण मिलता।
सैनिक स्कूल, मिलिट्री स्कूल तथा आर्टिलरी सेंटर भी है यहाँ।।
भारत के प्रथम सिनेमैटोग्राफर,दादासाहब फाल्के जन्मे यहाँ।
स्मृति में उनकी, सुन्दर दर्शनीय स्मारक बनवाया गया यहाँ।।
महान स्वतंत्रता सैनानी वीर सावरकर की जन्मभूमि भी यहीं।
नोट एवं स्टैम्प पेपर है छपता जहाँ, करेंसी नोट प्रेस है यहीं।।
भारत का एकमात्र ऐसा संस्थान, मेरे शहर में ही स्थापित है ।
सिक्कों की प्रदर्शनी है जहाँ और उन पर संशोधन होता है।।
है गारगोटी म्युजियम सिंनर में, रखे हैं अगणित रत्न जहाँ।
खनिज,रत्न,पत्थरों की नुमाइश और बिक्री होती है वहाँ।।
मौसम है प्यारा हर ऋतु में, बारह महिनों चलती है बयार।
सर्दियों में प्यारी धूप खिले,पुष्पों के पौधों पर छाए बहार।।
चहुँ ओर दिखते पहाड़ भी हरे हरे,वर्षा दे हरियाली पसार।।
ग्रीष्मकाल भी नहीं असहनीय, शाम को चले ठण्डी बयार।
है जन्मभूमि अलीगढ़ प्यारी, पर नासिक सबसे न्यारा शहर।
बच्चा,बूढ़ा या हो जवान,सबको ही लगता यह प्यारा शहर।।
पाण्डवों ने किया अज्ञात वास यहां,पाण्डव गुफा एक जगह।
सच मुच बसने के लिए सर्वोत्तम है , पूरे भारत में यही नगर।
एच ए ऐल फैक्ट्री है यहाँ, बनते मिग जैसे वायुयान जहाँ ।
अंगूर, किशमिश तो हैं ही प्रसिद्ध,विश्व प्रसिद्ध वाइन यहाँ।।
हवाई अड्डे, रेल्वे, हाईवेज की सुविधाओं से पूर्ण य़ह शहर।
है पावन नगरी यह जहाँ लगता है, कुम्भ-मेला आलीशान।।