नव वर्ष
नव वर्ष आई, आओ मिलकर उसका हम करें स्वागत।
गत वर्ष ने जो कष्ट दिये, मिले अब उनसे हमें राहत।।
अब नहीं कोई महामारी, हमको सताने पाएगी।
अब न किसी की यहाँ,असमय यूँ जान जाएगी।
सत्कर्म कर फूलें-फ़लें हम सब,बस यही मेरी है चाहत।
नव वर्ष आई,आओ मिलकर,उसका सब करें स्वागत।।
अब नहीं कोई अबला, यहाँ पर छली जाए।
अब न कोई त्रासदी हो,न सूखा - बाढ़ आए।।
आपसी मतभेद भूल कर, नव समाज को करें सृजित।
नव वर्ष आई आओ मिलकर,उसका सब करें स्वागत ।।
नव वर्ष में अब पूर्ण हों, सबकी सभी आशाएं।
देते रहें एक-दूजे को हम,बधाई-शुभकामनाएं।
खुशियाँ महके जीवन में ,मन में रहें उत्साह एवं चाहत।
नव वर्ष आई आओ मिलकर,उसका सब करें स्वागत ।।
सागर उर्मि सी उठें उमंगें, उर में नित नई नईं।
जाएं सभी दुःख-कष्ट-रोग,दूर हमसे अब कहीं।
इस वर्ष में खुशियां मनाएँ, पर्वों का हम करें स्वागत।
नव वर्ष आई आओ मिलकर,उसका सब करें स्वागत।।
कर्म जो भी हम करें,राष्ट्र हित में हों वे सदा।
भारतीय संस्कृति को, बढ़ावा देते रहें सर्वदा।
देश के जन-जन के मन में, नव चेतना हम करें जागृत।
नव वर्ष आई आओ मिलकर, उसका सब करें स्वागत।।