पुत्र
पुत्र माँ की आंखों का तारा।
होता पिता का राज दुलारा।।
नहीं कोई दुःख पाए कभी वह।
जतन करते रहते हैं सभी यह।।
रात दिन चाहता है वह भी।
सदा माँ बाप की हर खुशी।।
पिता का बन जाता है मित्र।
जब कुछ बड़ा हो जाता पुत्र।।
पिता से सीखे दुनियादारी।
माँ से लेता है समझदारी।।
बेटा होता घर का रखवाला है।
बूढे पिता का वही सहारा है।।
वो दूर हो अथवा रहे पास सबके।
दिल से वह रिश्ते निभाता सबसे।
पिता से वह अच्छे संस्कार लेता।
नयी पीढ़ी को वही फिर है देता।।
पिता पुत्र का अभिन्न है नाता।
जिसको जन्म देती है एक माता।