रास्ता-ए-मोहब्बत
सब दिलों को खुश रखने का वास्ता तुम खोजो।
दुनिया के ग़मों को भगाने का रास्ता तुम खोजो।।
बेहद मोहब्बत जो हमें उनसे है मगर बताएँ कैसे।
खबर उनको भी हो जाए ऐसा रास्ता तुम खोजो।
ग़र मुश्किल है नहीं उनके दिल तक पहुँच जाना।
दिल-ए-हाल उनका कैसा है आहिस्ता तुम खोजो।।
आग यह उधर भी लगी हो शायद बराबर की ही।
इस दिल के वो भी हैं ज़रुर वाबस्ता तुम खोजो।।
उनके हाल-ए-दिल का पयाम हमें जो मिल जाए।
आहिस्ता से दिल में उतरने का रास्ता तुम खोजो।।
आग-ए-इश्क जवाँ होने लगी एक जैसी दोनों तरफ।
फ़िर एलान-ए-मोहब्बत का कोई रास्ता तुम खोजो।।
मोहब्बत हमारी मुकम्मल जो हो गयी है अब यारा ।
मकां उनके को अपना घर बनाना,रास्ता तुम खोजो।।
रब से इलतिजा है रहे ताउम्र मोहब्बत य़ह ऐसी ही।
हम सफ़र साथ रहे सदा तेरा ऐसा रास्ता तुम खोजो।।