समय
समय को समय नहीं लगता, गुजरा समय बनने में।
है समय ही करता मदद,रिश्तों की पहचान करने में।
समय को संवारना पड़ता है अच्छा जीवन बनाने में।
लगता है समय बहुत, हर रिश्ते को पक्का बनाने में।
ग़र समय हो अच्छा तो, मेहनत रंग लाती है ज़रुर।
पर सीढ़ी चढ़ सफलता की, कभी न करना गरूर।
यदि समय किसी का,चल रहा जो थोड़ा खराब हो।
न करना तिरस्कृत,उसे हौसला देना,जो काबिल हो।
समयचक्र चलता रहता, सदा इतिहास का साक्षी बन।
हम सब को देकर सीख इससे,ये बनाता सुगम जीवन।
बनें हम कर्मठ, करें कुछ कार्य जगत में इस तरह से।
अंकित हो नाम अपना इतिहास में सुनहरे अक्षर से।
छुपा सकते हैं हम परिवार से, समाज से कुछ भी यहाँ।
परंतु समय ही दर्शाता है, हमारे सब कर्मों के फल वहाँ।
यही है एक जो रखे सदैव ध्यान,नहीं विस्मृत करे कुछ।
भविष्य में जाकर भी, करे उजागर वहाँ यह सब कुछ।
वे कहते हैं समय बदल रहा है,अब कहाँ है वह पूर्व सा?
माँ-बाप की ममता, बहिन-भाई का प्यार सब सपना सा।
माना कुछ बदला यहाँ,जैसा कि परिवर्तन नियम सृष्टि का।
दिल हो निर्मल तो लगता है,जगत में सब कुछ अपना सा।
त्याग दीजिये समय की दुहाई देना,अब समय ही करायेगा।
आपके कर्मों का प्रत्युत्तर देने,समय-समय पर आ जायेगा।
कर ले मन अधूरे स्वप्न पूरे, फिर समय नहीं मिल पायेगा।
ज्ञात नहीं किस क्षण, जीवन का अंत समय आ जायेगा।