सो जा राजदुलरी
सो जा राजदुलारी सो जा, सुख सपनों में खो जा।
सो जा राजदुलारे सो जा, सुख सपनों में खो जा॥
जहां मात पिता की आज्ञा से राम लखन सिया वन जाते।
जहां सत्य की खातिर राजा हरिश चंद्र स्वय ही बिक जाते।
ऐसे भारत की पुण्य भूमि रज मस्तक पर ले तू सजा।
सो जा….
जहां देश के लिए भगत राजगुरु हंस के फांसी पर झूले।
लक्ष्मी बाई, तात्या,सुभाष चंद्रशेखर ने कष्ट थे झेले॥
उनके चरित्र से थोड़ा सा तू उर में देश प्रेम लेता तो जा।
सो जा….
कितने सैनिक सीमा पर दुश्मन से रात दिन लड़ते हैं।
तब हम जैसे मां बच्चे चैन से घर पर निश्चिंत सोते हैं॥
वीरों की गाथा सुन तू भी शौर्य वीरता मन में भर ले जा।
सो जा…..
आज नहीं पर कल जब मेरे बच्चे बड़ा तू हो जायेगा।
चांद और मंगल पर जाकर नई खोज तू कर पाएगा॥
पहले जैसे पानी में चांद को देख नहीं तू खुश हो जा।
सो जा….
जब बड़े हो तुम मेरे बच्चो नहीं ऊंचनीच हो समाज में।
नहीं लुटे इज्ज़त किसी की सबका मान हो राम राज में॥
नारी का सम्मान हो देश का विकास हो ऐसा तू कर जा।
सो जा राजदुलारी……..