तुमने क्या किया
देश और सरकार के लिये तुमने क्या किया?
भोगते रहे जो मिला, किन्तु तुमने क्या किया?
माँ-बाप से तो सदैव ही, तुम सब लेते ही रहे।
जब समर्थ तुम हो गये, तब तुमने क्या दिया?
वृद्ध माता-पिता की थे, लाठी बुढ़ापे की तुम,
दोगे प्रेम-सम्मान उन्हें, प्रण तुमने क्या लिया?
‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’, है नारा बन गया।
पर बेटे के समान दर्जा, उसे तुमने क्या दिया?
समाज को सुधारने की बात, चलती रही यहाँ।
परन्तु अंतर्मन में झाँककर, तुमने क्या किया?
दहेज़-विरोधी बातें, होती हरदम रहती हैं यहाँ।
अपने बच्चों के विवाह में पर तुमने क्या किया?
महिला-सशक्तिकरण के भाषण होते ही हैं रहते।
पर घर की महिलाओं के लिए, तुमने क्या किया?
महिला पुरुष के समान ही,अधिकार पायेगी यहाँ।
समाज की महिलाओं के लिए, तुमने क्या किया?
आजकल परिवार में तलाक भी,कुछ होने हैं लगे।
बच्चों को संस्कारी बनाने हेतु,है तुमने क्या किया?
देश पर हो भारी संकट या कभी दुश्मन करे घात,
उस संकट से उबरने को योगदान,तुमने क्या दिया?
गरीब औेर गरीबी दिन-प्रतिदिन बढ़ती है जा रही,
सशक्त हो तो उनके उत्थान हेतु तुमने क्या किया?
लेते रहे अधिकार से सदा हम घर-देश-समाज से,
आयी जब बारी देने की तो फिर हमने क्या दिया?