वीर-२
भुजाएं तेरी फड़क उठें, रक्त भी धधक उठे।
देश की आजादी का जब भी कोई प्रश्न उठे।।\
वीर तुम सदा तत्पर रहो, जंग यूँ लड़ते रहो।
सीमाओं की देश की सुरक्षा सदा करते रहो।।
दुश्मन सदैव तुम से डरे, ऐसे तुम सजग रहो।
आन पर इसकी लड़ो तुम, शान पर डटे रहो।।
ठण्डा न पड़ने पाये, कभी जोश ये तुम्हारा।
भारत को तुम हो प्यारे, यह देश है तुम्हारा।।
कुर्बानी से डरो नहीं, दुश्मन को डराओ तुम।
युद्ध जो भी तुम लड़ो, जीत जाओ सदा तुम।।
बहादुरी से दुश्मनों से, लेना सदा ही तुम यूँ जीत।।
घर से ही नहीं देश से बढ़ती रहे हम सबकी प्रीत।
भावी पीढ़ियां भी गाएंगी, शौर्य के तुम्हारे गीत।
तुम्हारे नाम से अब गाये जाने लगें देश प्रेम गीत।।